द्वेष इंसान को हैवान बना देता है
द्वेष इंसान को हैवान बना देता है
प्रेम शैतान को इंसान बना देता है
जन्म के वक़्त तो इंसान ही होते हैं सभी
धर्म हिंदू कि मुसलमान बना देता है
यों तो बाज़ार में सिंदूर की क्या है कीमत
पर वो पत्थर को भी भगवान बना देता है
जब भी कद पुत्र का छूता है पिता के कंधे
उसके कंधों को भी बलवान बना देता है
स्वप्न जब आँखों में पलता है शिखर छूने का
पथ की चट्टान को सोपान बना देता है
घेर लेता है कहीं घोर अँधेरा जब भी
मन की आँखों को वो द्युतिमान बना देता है
मीठी यादों का सदा साथ चबेना रखना
लम्बी राहों को वो आसान बना देता है
माँ की गोदी ही नहीं प्यार भरा चेहरा भी
बेटे के आँसू को मुस्कान बना देता है
है 'भरद्वाज' अगर कोई असरदार ग़ज़ल
उसका इक शेर ही पहचान बना देता है
चंद्रभान भारद्वाज
द्वेष इंसान को हैवान बना देता है
प्रेम शैतान को इंसान बना देता है
जन्म के वक़्त तो इंसान ही होते हैं सभी
धर्म हिंदू कि मुसलमान बना देता है
यों तो बाज़ार में सिंदूर की क्या है कीमत
पर वो पत्थर को भी भगवान बना देता है
जब भी कद पुत्र का छूता है पिता के कंधे
उसके कंधों को भी बलवान बना देता है
स्वप्न जब आँखों में पलता है शिखर छूने का
पथ की चट्टान को सोपान बना देता है
घेर लेता है कहीं घोर अँधेरा जब भी
मन की आँखों को वो द्युतिमान बना देता है
मीठी यादों का सदा साथ चबेना रखना
लम्बी राहों को वो आसान बना देता है
माँ की गोदी ही नहीं प्यार भरा चेहरा भी
बेटे के आँसू को मुस्कान बना देता है
है 'भरद्वाज' अगर कोई असरदार ग़ज़ल
उसका इक शेर ही पहचान बना देता है
चंद्रभान भारद्वाज
1 comment:
beautiful :)
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