Saturday, January 8, 2011

बहुत होता है

थोड़ा सम्मान बहुत होता है
मान का पान बहुत होता है

मृत्यु के बाद भले हो मिट्टी
देह का दान बहुत होता है

भेंट का मोल न आँका जाता
मुट्ठी भर धान बहुत होता है

लोग पाते हैं सफलता थोड़ी
उसका अभिमान बहुत होता है

भेद दीवार परे लेने को
सिर्फ इक कान बहुत होता है

टालने कोई बड़ी दुर्घटना
थोड़ा सा ध्यान बहुत होता है

पढ़ के अखबार अदालत लेले
कोई संज्ञान बहुत होता है

प्यार का पाठ बहुत है मुश्किल 
इसमें इम्तिहान बहुत होता है

ज़िन्दगी मिलती है 'भारद्वाज' तनिक
साजो-सामान बहुत होता है

चंद्रभान भारद्वाज