Monday, February 15, 2016

तुम्हें यदि किसी और से प्यार होगा 
तो जीना हमें अपना दुश्वार होगा 

मैं उस ज़िन्दगी का भला क्या करूँगा 
तेरा जिसमें कोई न किरदार होगा 

जिधर रुख करेंगी तुम्हारी निगाहें 
हवाओं का रुख भी उधर यार होगा 

फँसा है भँवर जाल में ऐसा बेडा 
न डूबे बिना अब कभी पर होगा 

अँधेरी गली दिल की खुद होगी रौशन 
हमें जब कभी तेरा दीदार होगा 

अमावस के घर आगमन चाँदनी का 
कहाँ ऐसा कोई चमत्कार होगा 

था नादान ये दिल नहीं जानता था 
कि चितवन में इक दिन गिरफ्तार होगा 

पता ही नहीं था कि चाहेंगे तुमको 
तो दुश्मन हमारा ये संसार होगा 

नहीं जुर्म है कोई जब प्यार करना 
सजा का किसी को क्यों अधिकार होगा 

किया है किसी पर अगर वार तुमने 
तो तुम पर भी इक दिन पलटवार होगा 

चला रास्ते पे जो खतरे उठा कर 
'भरद्वाज' मंज़िल का हक़दार होगा 

चंद्रभान भारद्वाज 
किया है प्यार तो फिर भावनाएं प्यारी रख 
भले फरेब मिले मन को संस्कारी रख 

डगर सुहानी लगेगी भले अकेले हो 
सफर में साथ मधुर यादों की पिटारी रख 

कसेगा वक़्त सदा प्यार को कसौटी पर 
खरा उतरने की सब कोशिशों को जारी रख 

दिये ख़ुशी के जला रोक आँख के आँसू 
छिपा के यार तबस्सुम में बेकरारी रख 

खड़े हैं लोग यहाँ हाथ में लिए कालिख 
कहीं लगे न कोई दाग होशियारी रख 

अँधेरी रात में भी रास्ता दिखाएंगे 
ह्रदय में राधा रखो ध्यान में मुरारी रख 

करेंगे शेर असर 'भारद्वाज' हर दिल पर 
ग़ज़ल में शब्द सरल अर्थ मगर भारी रख

चंद्रभान भारद्वाज  
पत्थर बना दिया कभी हीरा बना दिया 
तेरी निगाह ने मुझे क्या क्या बना दिया 

मैं था समय के चाक  पर गूँथी  हुई मिटटी 
तुमने छुआ तो प्यार का दीया बना दिया 

जो सामने कठिनाइयों का इक पहाड़ था  
मैंने पहाड़ खोद के रस्ता बना दिया 

यों  तो ज़माने ने मुझे आँसू  बहुत दिए 
उन आँसुओं को पर मैंने लावा बना दिया 

यह सिर्फ मेरी माँ के आँचल का कमाल था 
उसके दुलार ने मुझे राजा बना दिया 

जो  दो दिलों की धड़कनों का मेल था सरल 
उस प्यार को तलवार का मुद्दा बना दिया 

अपने लिए मंदिर वही मस्जिद वही गिरजा
अब 'भारद्वाज' प्यार को पूजा बना दिया 

चंद्रभान भारद्वाज