Thursday, February 25, 2010

ज़िन्दगी फुलवारियों का नाम हो जैसे

होंठ पर किलकारियों का नाम हो जैसे
ज़िन्दगी फुलवारियों का नाम हो जैसे

मन भिगोया तन भिगोया आत्मा भीगी
प्यार ही पिचकारियों का नाम हो जैसे

आस के  अंकुर उगे कुछ कोपलें फूटीं
स्वप्न कोई क्यारियों का नाम हो जैसे

बाँटती फिरती हँसी को और खुशियों को
उम्र  जीती  पारियों   का नाम   हो  जैसे 

टांक  कर रक्खीं  ह्रदय में सब मधुर यादें
मन सजी गुलकारियों का नाम हो जैसे

वो बसे जब से हमारे गाँव में आकर 
हर गली गुलजारियों का नाम हो जैसे 
 
ज्ञान  'भारद्वाज'  बैठा  भूलकर  उद्धव 
ध्यान में वृज-नारियों का नाम हो जैसे

चंद्रभान भारद्वाज