Monday, May 12, 2014

                      मरहम  बना देना 

किसी उजड़े चमन का खुशनुमा मौसम बना देना 
मुझे टूटे दिलों के जख्म का मरहम बना देना 

खडा है कठघरे मेँ सच स्वयं इंसाफ की खातिर 
भले ही एक दिन का  हो मुझे मुकदम बना देना 

अँधेरे की हरिक हैवानियत को जानता हूँ मैं 
उमीदों के उजाले का मुझे परचम बना देना 

रहे इक गर्व का अह्सास अपने आप पर उसको 
उसे ज्यादा बना देना मुझे कुछ कम बना देना 

मिलें जब भी मरुस्थल में तड़पते होँठ पानी को  
बनूँ मैं या तो गंगाजल या फ़िर ज़मज़म  बना देना 

 पलक पर आँसुओं के दर्द का अहसास जाना है 
मुझे दामन बनाना या मुझे हमदम बना देना 

उलझती है अगर पाजेब तो लय टूट जाती  है 
मुझे उलझी हुई पाजेब की छमछम बना देना 

प्रलय के बाद दोबारा बनानी हो अगर दुनिया 
उसे हव्वा बना देना मुझे आदम बना देना 

सहारा बन सकें गिरते हुए इक आदमी क़ी  जो
भुजाएँ यार 'भारद्वाज' की सक्षम बना देना 

चंद्रभान  भारद्वाज  



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