बबूलों के वनों में गुलमोहर कोई नहीं दिखता
डगर में छाँह दे ऐसा शजर कोई नहीं दिखता
भटकती ही रही है ज़िन्दगी इस दर से उस दर तक
जिसे चाहत रही अपनी वो दर कोई नहीं दिखता
चले थे सोच कर शायद बनेगा कारवाँ आगे
खड़े हैं बस अकेले हम बशर कोई नहीं दिखता
रहा आवाज़ का धोखा कि धोखा है निगाहों का
जिधर आवाज़ आती है उधर कोई नहीं दिखता
दिया बनकर जली है उम्र सारी इक प्रतीक्षा में
चुकी बाती बुझा दीया मगर कोई नहीं दिखता
कहीं थे राह में रोड़े कहीं थी पाँव में बेडी
मगर अपने इरादों पर असर कोई नहीं दिखता
यहाँ कुछ लोग 'भारद्वाज' लिखने में लगे गज़लें
गज़लगोई का पर उनमें हुनर कोई नहीं दिखता
चंद्रभान भारद्वाज
डगर में छाँह दे ऐसा शजर कोई नहीं दिखता
भटकती ही रही है ज़िन्दगी इस दर से उस दर तक
जिसे चाहत रही अपनी वो दर कोई नहीं दिखता
चले थे सोच कर शायद बनेगा कारवाँ आगे
खड़े हैं बस अकेले हम बशर कोई नहीं दिखता
रहा आवाज़ का धोखा कि धोखा है निगाहों का
जिधर आवाज़ आती है उधर कोई नहीं दिखता
दिया बनकर जली है उम्र सारी इक प्रतीक्षा में
चुकी बाती बुझा दीया मगर कोई नहीं दिखता
कहीं थे राह में रोड़े कहीं थी पाँव में बेडी
मगर अपने इरादों पर असर कोई नहीं दिखता
यहाँ कुछ लोग 'भारद्वाज' लिखने में लगे गज़लें
गज़लगोई का पर उनमें हुनर कोई नहीं दिखता
चंद्रभान भारद्वाज
4 comments:
चले थे सोच कर शायद बनेगा कारवाँ आगे
खड़े हैं बस अकेले हम बसर कोई नहीं दिखता
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
.
यहाँ कुछ लोग 'भारद्वाज' लिखने में लगे गज़लें
गज़लगोई का पर उनमें हुनर कोई नहीं दिखता
जय हो :)
एक शेर आपको समर्पित करता हूँ
सब अपने मुन्तज़र हैं सब अधूरेपन के मारे हैं
जो कह दे 'मैं मुकम्मल हूँ' बशर कोई नहीं दिखता
आदरणीय काकाश्री चंद्रभान जी भारद्वाज
प्रणाम !
मेरी पसंद की बहर में शानदार रवां-दवां ग़ज़ल के लिए आभार !
कमाल के मतले से शुरू ग़ज़ल का हर शे'र एक एक से बढ़कर है
बबूलों के वनों में गुलमोहर कोई नहीं दिखता
डगर में छाँह दे ऐसा शजर कोई नहीं दिखता
थोथे स्वघोषित नामधारी बेशक कई हैं :)
कहीं थे राह में रोड़े कहीं थी पाँव में बेडी
मगर अपने इरादों पर असर कोई नहीं दिखता
ज़िंदादिली की नई अभिव्यक्ति है आपका यह शे'र … बहुत ख़ूब !
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बबूलों के वनों में गुलमोहर कोई नहीं दिखता
डगर में छाँह दे ऐसा शजर कोई नहीं दिखता
खूबसूरत मतला...............बहुत उम्दा शेर हैं सारे!
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