ख़ुद दिशाएं खोजिए
जिंदगी में बस विजय की लालसाएं खोजिये;
हार में भी जीत की संभावनाएं खोजिए
भावनाओं के दिए में तेल शुचिता का भरें;
चेतना की लौ लगन की वर्तिकाएँ खोजिये
आसरा कोई उधारी के उजालों का नहीं;
ख़ुद बनो दीपक स्वयं के ख़ुद दिशाएं खोजिये
अब अँधेरी रात बस दो चार पल की बात है;
खोलिए खिड़की सुबह की लालिमायें खोजिये
चन्द्रभान भारद्वाज
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अब अँधेरी रात बस दो चार पल की बात है;
खोलिए खिड़की सुबह की लालिमायें खोजिये
ज़िंदगी के लिए आनंददायक ,प्रेरणादायक
इन लाइनों में ज़िंदगी की गूँज है
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