पूजा घर बना दिया
वीरान दिल को एक पूजा घर बना दिया
इक बूँद को भी प्यार का सागर बना दिया
ठोकर लगी थी राह में जिससे कभी हमें
हमने उसी को मील का पत्थर बना दिया
रातों को गहरी नींद की चिंता नहीं रही
हाथों का तकिया देह का बिस्तर बना दिया
जिसकी वजह से कल दिलों में फासले हुए
आँगन की उस दीवार में इक दर बना दिया
आकाश की ऊँचाइयों को छू सकें कभी
सोये हुए हर हौसले को पर बना दिया
थक हार कर जो रुक गए थे राह में कहीं
इक प्रेरणा से जीत का अवसर बना दिया
गुम हो गया था जो समय के गर्त में कहीं
उस नाम का सोने का हर अक्षर बना दिया
घर का पता कोई न कोई गाँव का पता
इस ज़िन्दगी ने हमको यायावर बना दिया
तक़दीर के भी खेल 'भारद्वाज' हैं अजब
नौकर को मालिक मालिक को नौकर बना दिया
चंद्रभान भारद्वाज
वीरान दिल को एक पूजा घर बना दिया
इक बूँद को भी प्यार का सागर बना दिया
ठोकर लगी थी राह में जिससे कभी हमें
हमने उसी को मील का पत्थर बना दिया
रातों को गहरी नींद की चिंता नहीं रही
हाथों का तकिया देह का बिस्तर बना दिया
जिसकी वजह से कल दिलों में फासले हुए
आँगन की उस दीवार में इक दर बना दिया
आकाश की ऊँचाइयों को छू सकें कभी
सोये हुए हर हौसले को पर बना दिया
थक हार कर जो रुक गए थे राह में कहीं
इक प्रेरणा से जीत का अवसर बना दिया
गुम हो गया था जो समय के गर्त में कहीं
उस नाम का सोने का हर अक्षर बना दिया
घर का पता कोई न कोई गाँव का पता
इस ज़िन्दगी ने हमको यायावर बना दिया
तक़दीर के भी खेल 'भारद्वाज' हैं अजब
नौकर को मालिक मालिक को नौकर बना दिया
चंद्रभान भारद्वाज
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