घबरा ही जाता है
अचानक नब्ज़ बढ़ती है पसीना आ ही जाता है
हरिक दिल प्यार में पहले-पहल घबरा ही जाता है
सिखाती है बहुत अम्मा पढ़ाती है बहुत दादी
नज़र के फेर में दिल फँस के धोखा खा ही जाता है
भरोसा टूटने लगता कदम भी डगमगा जाते
मगर दिल ठान लेता है तो मंज़िल पा ही जाता है
न अपना होश रहता है न दुनिया की खबर कोई
उलझ कर प्यार में गहरा नशा सा छा ही जाता है
डगर जब आगे बढ़ती है तो गलियाँ छूटतीं पीछे
बिछुड़ता है सगा कोई तो रोना आ ही जाता है
कड़ी संदेह की जब बीच में विश्वास के फँसती
दिलों के बीच थोड़ा फासला गहरा ही जाता है
सही सोचा सही देखा सही बोला सही जाना
सही को भी मगर कोई गलत ठहरा ही जाता है
अगर खतरे में औरत देखती है आबरू अपनी
तो उसका हौसला फिर मौत से टकरा ही जाता है
ठहरता रूप का सौंदर्य 'भारद्वाज'पल दो पल
अगर ढलना शुरू होता है तो ढलता ही जाता है
चंद्रभान भारद्वाज
अचानक नब्ज़ बढ़ती है पसीना आ ही जाता है
हरिक दिल प्यार में पहले-पहल घबरा ही जाता है
सिखाती है बहुत अम्मा पढ़ाती है बहुत दादी
नज़र के फेर में दिल फँस के धोखा खा ही जाता है
भरोसा टूटने लगता कदम भी डगमगा जाते
मगर दिल ठान लेता है तो मंज़िल पा ही जाता है
न अपना होश रहता है न दुनिया की खबर कोई
उलझ कर प्यार में गहरा नशा सा छा ही जाता है
डगर जब आगे बढ़ती है तो गलियाँ छूटतीं पीछे
बिछुड़ता है सगा कोई तो रोना आ ही जाता है
कड़ी संदेह की जब बीच में विश्वास के फँसती
दिलों के बीच थोड़ा फासला गहरा ही जाता है
सही सोचा सही देखा सही बोला सही जाना
सही को भी मगर कोई गलत ठहरा ही जाता है
अगर खतरे में औरत देखती है आबरू अपनी
तो उसका हौसला फिर मौत से टकरा ही जाता है
ठहरता रूप का सौंदर्य 'भारद्वाज'पल दो पल
अगर ढलना शुरू होता है तो ढलता ही जाता है
चंद्रभान भारद्वाज
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