Tuesday, August 13, 2019

        पहेली हाथ में तलवार से सुलझी

न तो प्रतिकार से सुलझी नहीं परिहार से सुलझी
पुरानी वह पहेली हाथ में तलवार से सुलझी

अगर रक्खी हुई है पालकर हठधर्मिता मन में
तो उस इंसान की हर इक पहेली मार से सुलझी

लिया है जन्म जिस परिवार में भी मनमुटावों ने
पहेली उसकी आँगन में उठी दीवार से सुलझी

उलझती आ रही थी जो पहेली पुश्तों दर पुश्तों
कभी फटकार से सुलझी कभी पुचकार से सुलझी

पहेली नफरतों की दो दिलों के बीच जो पनपी
तनिक मुस्कान से सुलझी तनिक मनुहार से सुलझी  

त्रिया या कोई बच्चा यदि उतरते अपनी हठ पे जब
पहेली उनके हठ की सिर्फ कोमल प्यार से सुलझी

जहाँ संतोष ' भारद्वाज ' हो दोनों ही पक्षों में
तो उनकी हर पहेली आपसी व्यवहार से सुलझी

चन्द्रभान भारद्वाज 




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