Friday, December 21, 2012

                  खोट देखते हैं 

कुछ लोग तो हर बात में ही खोट देखते हैं 
मन पर नहीं तन पर लगी बस चोट देखते हैं 

आदत है जिनकी पीठ के पीछे से वार करना 
वे वार से कुछ और  पहले ओट देखते हैं

पग पग सियासत ने बिछा रक्खी बिसात ऐसी 
इंसान में शतरंज की इक गोट  देखते हैं  

हर रोज घोटाला कि हत्या लूट और डाका 
अखबार के हर पृष्ठ पर विस्फोट देखते हैं 

निपटें बता कार्यालयों में मामलात कैसे 
जब कर्मचारी फाइलों में नोट देखते हैं 

दो वक्त की होती नहीं रोटी नसीब जिनको 
वे कुछ भुने चनों में अखरोट देखते हैं 

डिगने लगा विश्वास अब  जनतंत्र से ही जन का 
नेता तो बस हर योजना में वोट देखते हैं 

अब योग्यता मापी नहीं जाती यहाँ सनद से 
टाई गले में और तन पर कोट देखते हैं 

बैठे  हुए हैं लोग 'भारद्वाज' ले कसौटी 
कद  से भी पहले आपका लंगोट देखते हैं 


चंद्रभान भारद्वाज 

4 comments:

Prabhu Trivedi said...

bhai saheb bahut achchha hai. badhai.

chandrabhan bhardwaj said...

Bahut bahut dhanyavaad Prabhu ji

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया व सही कहा है।

chandrabhan bhardwaj said...

dhanyavaad bali saheb