महक सौंधी सी लेकर जब कभी पुरवाइयाँ आतीं
उभर यादों में सहसा गाँव की अमराइयाँ आतीं
खयालों में अचानक नाम कोई कौंध जाता है
कभी जब हिचकियाँ आतीं कि जब अंगडाइयां आतीं
न तो आहट कहीं होती न दस्तक ही कहीं देतीं
पलक के द्वार दिल के दर्द की जब झाइयाँ आतीं
कभी तो दिल धड़कता है कभी होतीं पलक गीली
कुँवारे द्वार पर जब गूँजतीं शहनाइयाँ आतीं
शहर से गाँव आने पर कुशलता पूछने अक्सर
मोहल्ले भर की चाची ताइयाँ भौजाइयाँ आतीं
अँधेरा देखते ही संग अपना छोड़ जाती हैं
उजाले में सदा जो साथ में परछाइयाँ आतीं
लगा लें लोग कितने ही मुखौटे एक चेहरे पर
समय के सामने खुद एक दिन सच्चाइयाँ आतीं
सफलता का कोई भी रास्ता सीधा नहीं होता
कहीं गहरे कुएँ खाई कहीं ऊँचाइयाँ आतीं
दिशा अपनी बदल लेता है 'भारद्वाज' हर रिश्ता
कभी जब ज़िन्दगी की राह में तनहाइयाँ आतीं
चंद्रभान भारद्वाज
Sunday, September 5, 2010
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8 comments:
बहुत सुन्दर ग़ज़ल , महक सौंधी सी लेकर आई है ये आपकी ग़ज़ल भी ...
बेहद खूबसूरत और सच्चाइयो से रु-ब-रु कराती सुन्दर गज़ल्।
दिशा अपनी बदल लेता है 'भारद्वाज' हर रिश्ता
कभी जब ज़िन्दगी की राह में तनहाइयाँ आतीं
....vaah..bahut hi sundar ghajal.
लगा लें लोग कितने ही मुखौटे एक चेहरे पर
समय के सामने खुद एक दिन सच्चाइयाँ आतीं
सुन्दर गज़ल ....सहज और सरलता से लिखी गयी ..
शहर से गाँव आने पर कुशलता पूछने अक्सर
मोहल्ले भर की चाची ताइयाँ भौजाइयाँ आतीं
bahut khoob!! wahwa!!
अँधेरा देखते ही संग अपना छोड़ जाती हैं
उजाले में सदा जो साथ में परछाइयाँ आतीं
बहुत ख़ूब !
लगा लें लोग कितने ही मुखौटे एक चेहरे पर
समय के सामने खुद एक दिन सच्चाइयाँ आतीं
बिल्कुल सच बात है
सफलता का कोई भी रास्ता सीधा नहीं होता
कहीं गहरे कुएँ खाई कहीं ऊँचाइयाँ आतीं
वाह!
दिशा अपनी बदल लेता है 'भारद्वाज' हर रिश्ता
कभी जब ज़िन्दगी की राह में तनहाइयाँ आतीं
माफ़ कीजियेगा सर ,लेकिन मैं पूरी तरह सहमत नहीं हूं ,माता पिता का रिश्ता कभी दिशा नहीं बदलता मेरे विचार से
सफलता का कोई भी रास्ता सीधा नहीं होता
कहीं गहरे कुएँ खाई कहीं ऊँचाइयाँ आतीं
दिशा अपनी बदल लेता है 'भारद्वाज' हर रिश्ता
कभी जब ज़िन्दगी की राह में तनहाइयाँ आतीं
चंद्रभान भारद्वाज साहब बहुत दिनों बाद ऐसा कुछ पढने को मिला जो दिल को छु सा गया. हकीकत है यह और आपका अंदाज़ ए बयान खूबसूरत
लगा लें लोग कितने ही मुखौटे एक चेहरे पर
समय के सामने खुद एक दिन सच्चाइयाँ आतीं
और...
सफलता का कोई भी रास्ता सीधा नहीं होता
कहीं गहरे कुएँ खाई कहीं ऊँचाइयाँ आतीं
बहुत खूबसूरत शेर हैं दोनों...
और ज़िन्दगी की सच्चाई भी बयान कर रहे हैं.
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