I am a very energetic person believing that every moment of live is young and full of energy. Never feel low always think high in life.
अभी तक मेरे छः ग़ज़ल संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। (१) पगडंडियाँ (२)शीशे की किरचें (३)चिनगारियाँ (४)हवा आवाज़ देती है.(५)हथेली पर अंगारे (६)उजाले क्या अँधेरे क्या पाँच ग़ज़ल संग्रहों में गज़लें सम्मिलित हैं। देश की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में गज़लें प्रकाशित होती रहीं हैं। आकाशवाणी से भी रचनाओं का प्रसारण होता रहा है। १९७० से अनवरत रूप से ग़ज़ल लेखन में संलग्न हूँ।
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