यार मिलना है कठिन
मन भरा
हो यदि घृणा से प्यार मिलना है
कठिन
हर कदम
पर चक्रव्यूहों से
घिरा जीवन यहाँ
यदि गये
अंदर निकासी द्वार
मिलना है कठिन
चुभ गया
था राह चलते
चलते नंगे पाँव
में
टीसता है पर
वो टूटा खार
मिलना है कठिन
आप यदि
इस वक़्त के
हाथों की कठपुतली
बने
आप
को मन का
कोई किरदार मिलना
है कठिन
पीटना पड़ता ढिंढोरा
अपनी हर उपलब्धि
का
वरना श्रीफल
शाल या इक
हार मिलना है
कठिन
भूल बैठी
है अगर कोई
आँख सपना देखना
कल्पना को फिर
कोई आकार मिलना
है कठिन
जो उजाले
या अंधेरे में
न अंतर कर सके
बंधु ऐसी
दृष्टि को उजियार
मिलना है कठिन
रुख़ हवाओं
का बिना देखे
उतरतीं धार में
ऐसी नावों
को सहज ही
पार मिलना है
कठिन
यदि पहुँच
पाए नहीं उठने
से पहले तक
वहाँ
आठ दिन
से पहले फिर
बाज़ार मिलना है कठिन
जल्दबाज़ी में सुबह
पूरा न पढ़
पाए जिसे
शाम तक
वह अधपढ़ा अख़बार
मिलना है कठिन
जी रही
मुश्किल में 'भारद्वाज'
पीढ़ी आज की
नौकरी मिलती नहीं
व्यापार मिलना है कठिन
चंद्रभान भारद्वाज
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