Friday, August 24, 2018



           मंजिल तलाशना



राहें तलाशना नई मंजिल तलाशना

दुख दर्द संग बाँट ले वह दिल तलाशना


इंसान शून्य कर दिया है आज वक्त ने 

फिर दशगुना बने कोई हासिल तलाशना


चेहरे को सिर्फ देख कर संभव नहीं रहा 

आदिल तलाशना कोई काबिल तलाशना 


हर डाल पर जमी  है कौओं की बिरादरी

है काँव काँव में कठिन कोकिल तलाशना


कोई  सबूत ही नहीं छोड़ा है खून का

मुश्किल हुआ कटार या कातिल तलाशना



अब तक तो  हर खुशी पे ही जैसे ग्रहण लगा

जीवन के शेष पल सभी झिलमिल तलाशना


जब भी अचानक ठंड के मौसम का हो असर 

सेहत सुधारने को गुड़ और तिल तलाशना 


तूफान ने बड़े किये हम पाल पोस कर

आदत हमारी है नहीं साहिल तलाशना


ग़ज़लों की सिर्फ बात भारद्वाज हो जहाँ

कोई  किताब या कोई महफिल तलाशना


चंद्रभान भारद्वाज


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