फलता प्यार नहीं मिलता
छल छंदों के बलबूते दिलदार नहीं मिलता
नफरत के पौधों पर फलता प्यार नहीं मिलता
जिस पर दर्प झलकता रहता हरदम ताकत का
ऐसे चेहरे को आदर सत्कार नहीं मिलता
नित्य सजाए रखना पड़ता उनको पलकों पर
जब तक अपने सपनों को आकार नहीं मिलता
क्या अंतर रहता सधवा या विधवा जीवन में
यदि मन को खुशियाँ तन को श्रंगार नहीं मिलता
आँखें करके बंद दिखाई देता वह हमको
किंतु खुली आँखों से वह साकार नहीं मिलता
बिन माँगे दुनिया की दौलत आती कदमों में
माँगे से मुट्ठी भर आटा यार नहीं मिलता
तोड़ दिए बंधन तो वह पीछे पीछे आया
उसके पीछे भगने से संसार नहीं मिलता
पौध लगाई पानी सींचा खाद दिया फिर भी
पेड़ कहीं मरुथल में छायादार नहीं मिलता
भारद्वाज अकिंचन लगता वैभव जीवन का
माँ के आँचल का यदि लाड़ दुलार नहीं मिलता
चंद्रभान भारद्वाज
भाई इक़बाल बशर जी नमस्कार
सम्मानीय पत्रिका अर्बाबे क़लम में प्रकाशनार्थ अपनी एक ग़ज़ल भेज रहा हँ यदि उचित प्रतीत हो तो प्रकाशित करने की कृपा करें आशा है आप स्वस्थ और सानंद होंगे
चंद्रभान भारद्वाज
672 साईं कृपा काॅलोनी
बाॅम्बे हास्पीटल के पास इंदौर म प्र 452010
मोबाइल 09826025016
छल छंदों के बलबूते दिलदार नहीं मिलता
नफरत के पौधों पर फलता प्यार नहीं मिलता
जिस पर दर्प झलकता रहता हरदम ताकत का
ऐसे चेहरे को आदर सत्कार नहीं मिलता
नित्य सजाए रखना पड़ता उनको पलकों पर
जब तक अपने सपनों को आकार नहीं मिलता
क्या अंतर रहता सधवा या विधवा जीवन में
यदि मन को खुशियाँ तन को श्रंगार नहीं मिलता
आँखें करके बंद दिखाई देता वह हमको
किंतु खुली आँखों से वह साकार नहीं मिलता
बिन माँगे दुनिया की दौलत आती कदमों में
माँगे से मुट्ठी भर आटा यार नहीं मिलता
तोड़ दिए बंधन तो वह पीछे पीछे आया
उसके पीछे भगने से संसार नहीं मिलता
पौध लगाई पानी सींचा खाद दिया फिर भी
पेड़ कहीं मरुथल में छायादार नहीं मिलता
भारद्वाज अकिंचन लगता वैभव जीवन का
माँ के आँचल का यदि लाड़ दुलार नहीं मिलता
चंद्रभान भारद्वाज
भाई इक़बाल बशर जी नमस्कार
सम्मानीय पत्रिका अर्बाबे क़लम में प्रकाशनार्थ अपनी एक ग़ज़ल भेज रहा हँ यदि उचित प्रतीत हो तो प्रकाशित करने की कृपा करें आशा है आप स्वस्थ और सानंद होंगे
चंद्रभान भारद्वाज
672 साईं कृपा काॅलोनी
बाॅम्बे हास्पीटल के पास इंदौर म प्र 452010
मोबाइल 09826025016