आपके सुलगे सवालों का कोई हल हो न हो
वक़्त का है क्या भरोसा आज है कल हो न हो
आज अमृत से नहीं, होते अमर विष पान से
नाम शीशी पर तो है अंदर हलाहल हो न हो
तन के समझौते अलग हैं मन के समझौते अलग
माँग में सिंदूर है आँखों में काजल हो न हो
आजकल इतना विषमताओं भरा है हर कदम
इस कदम पर है मगर उस पर धरातल हो न हो
खाद पानी से निरंतर सींचना पड़तीं जड़ें
पर भरे मौसम में डालों पर कोई फल हो न हो
घिर रही आश्वासनों की हर तरफ काली घटा
प्यास धरती की बुझाने उसमें पर जल हो न हो
मन के आँगन में किसी का पैठ पाना है कठिन
अपने दरवाजे पे 'भारद्वाज' साँकल हो न हो
वक़्त का है क्या भरोसा आज है कल हो न हो
आज अमृत से नहीं, होते अमर विष पान से
नाम शीशी पर तो है अंदर हलाहल हो न हो
तन के समझौते अलग हैं मन के समझौते अलग
माँग में सिंदूर है आँखों में काजल हो न हो
आजकल इतना विषमताओं भरा है हर कदम
इस कदम पर है मगर उस पर धरातल हो न हो
खाद पानी से निरंतर सींचना पड़तीं जड़ें
पर भरे मौसम में डालों पर कोई फल हो न हो
घिर रही आश्वासनों की हर तरफ काली घटा
प्यास धरती की बुझाने उसमें पर जल हो न हो
मन के आँगन में किसी का पैठ पाना है कठिन
अपने दरवाजे पे 'भारद्वाज' साँकल हो न हो
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