tag:blogger.com,1999:blog-4857185426641824087.post3256274502497088795..comments2023-10-15T04:27:46.962-07:00Comments on bhardwaj'sblog: कभी लगती हकीक़त सीchandrabhan bhardwajhttp://www.blogger.com/profile/09515769930349777559noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4857185426641824087.post-6832800632865179642010-01-08T07:02:11.761-08:002010-01-08T07:02:11.761-08:00अपकी गज़ल के लिये कुछ कह नहीं सकती कल्म मे इतनी साम...अपकी गज़ल के लिये कुछ कह नहीं सकती कल्म मे इतनी सामर्थ्य नहीं है आप्की गज़ल पढ कर सीखती हूँ बस बहुत बहुत शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4857185426641824087.post-48991596670069935362010-01-06T10:31:55.359-08:002010-01-06T10:31:55.359-08:00भारद्वाज जी आदाब
वाह, क्या खूब कहा है
कभी रिश्तों ...भारद्वाज जी आदाब<br />वाह, क्या खूब कहा है<br />कभी रिश्तों की सोंधी सी महक उठती थी जिस घर में,<br />वहाँ फैली हुई है आजकल हर ओर नफ़रत सी. <br />हासिले-ग़ज़ल शेर है आपका<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.com